ना जानें क्यूं ये खामोशी है
मातम सा माहौल क्यूं हर देश है।
मुस्कुरा कर जी लो इस लम्हें को
क्यूंकि जीवन अभी भी शेष है।।
लाखों प्राणों का अंत हुआ
मानो काल अभी हम से कुछ रूष्ट है।
पर जो गए उनकी यादों के संग जियो
क्यूंकि जीवन अभी भी शेष है।।
उपवन की भांति हृदय कठोर करो
पतझड़ आने का ना शोक करो।
खिलती कली की तरह प्रफुल्लित हो जाओ तुम
क्यूंकि जीवन अभी भी शेष है।।
सोचो कुछ सूक्ष्म जीवों ने
मचाई कैसी ये त्रासदी है।
आओ दृढ़ता के संग मात दें इस दानव को
क्यूंकि जीवन अभी भी शेष है।।